नमस्कार दोस्तों, मैं अर्णव आप सभी का बहुत स्वागत करता हूँ। आप सभी कैसे हैं आपकी परीक्षा की तैयारी कैसी चल रही है? आज मैं आपसे एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करने वाला हूँ, जो है एग्जाम फोबिया, यानी परीक्षा से जुड़ा डर और चिंता। यह एक बहुत ही सामान्य बात है और यह सिर्फ आपके साथ नहीं, बल्कि हर किसी के साथ होता है।
जब मैं एग्जाम फोबिया की बात करता हूँ, तो यह दो तरह से होता है। एक तो वो होते हैं जो एग्जाम को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते, बस फॉर्म भर दिया और उम्मीद करते हैं कि बस हो जाएगा। दूसरी ओर, वे होते हैं जो एग्जाम को गंभीरता से लेते हैं, लेकिन वे किसी रणनीति के बिना, बिना योजना के पढ़ाई करते हैं। ऐसे लोगों को एग्जाम का डर जरूर लगता है, और यह बिल्कुल सामान्य है।
मुझे खुद का अनुभव याद आता है, 2018 में मैंने अपनी पहली बड़ी परीक्षा का सामना किया था, वो था आईएएस का इंटरव्यू। मैं दिल्ली में था और मुझे इंटरव्यू के लिए कॉल आया था। इंटरव्यू के लिए जाने से पहले मुझे वहां गेट के पास 35-40 मिनट अकेले बैठना पड़ा, और उस दौरान मुझे बहुत घबराहट हो रही थी। मैंने सोचा कि शायद मैं इंटरव्यू नहीं दे पाऊँगा, लेकिन जैसे ही अंदर गया, सब कुछ सामान्य हो गया। यह डर और चिंता सभी के साथ होती है, चाहे आप कितने ही बड़े या मेधावी क्यों न हों।
एग्जाम से डरना एक सामान्य बात है, और इससे अधिक घबराने की जरूरत नहीं है। इस डर को मैनेज करने के कुछ आसान तरीके हैं। सबसे पहली बात, खुद को रिलैक्स रखें। यह सोचें कि यदि आप परीक्षा में सफल हो जाते हैं तो बेशक अच्छा है, और अगर असफल हो जाते हैं तो भी इससे कुछ सीखने को मिलेगा। असफलता को सफलता की सीढ़ी समझें, और इससे डरने की जरूरत नहीं है।
दूसरी बात, परीक्षा के समय में अच्छी नींद लें, कम से कम 6-7 घंटे की। सही खानपान भी बहुत जरूरी है। खुद को ताजगी महसूस कराएं, और सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं। नकारात्मक विचारों और लोगों से दूर रहें।
जब आप पढ़ाई करते हैं तो खुद से तुलना न करें। यह न सोचें कि किसी और ने कितनी पढ़ाई की या कितनी मेहनत की। हर किसी का तरीका अलग होता है। इसके बजाय, खुद पर विश्वास रखें और अपनी तैयारी पर ध्यान दें।
और एक और अहम बात, खुद को मोटिवेट करने के लिए थोड़ा समय खेलों में भी लगाएं। आप Indoor या Outdoor गेम्स खेल सकते हैं, जो आपके मन को तरोताजा रखें। साथ ही, खुद को हमेशा पॉजिटिव रखें, हंसते रहें, मुस्कुराते रहें, और अपनी ताकत पर भरोसा रखें।
अगर आप सोचते हैं कि यदि आप जीत गए तो सब कुछ ठीक है, और अगर हार गए तो भी यह अंत नहीं है। यह सिर्फ एक शुरुआत है। हर हार में एक नई सीख छिपी होती है, और हर जीत में आगे बढ़ने का उत्साह होता है।
अंत में, खुद पर विश्वास रखें, अपने परिवार और शिक्षकों के आशीर्वाद से प्रेरित रहें, और हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। तो दोस्तों, मैं यही कहना चाहता हूँ कि किसी भी परिस्थिति में डरने की जरूरत नहीं है। जिंदगी में जो भी होगा, अच्छा ही होगा। धन्यवाद और भगवान का आशीर्वाद आपके साथ हमेशा रहे।